सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन

सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन शांति और सद्भाव के साथ सम्पन्न

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बांदा जनपद के ग्राम सबादा में इस वर्ष दुर्गा पूजा और विसर्जन का कार्यक्रम एकता, सौहार्द और भाईचारे के सुंदर माहौल में सम्पन्न हुआ। माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन पारंपरिक रीतियों के अनुसार सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन यात्रा के रूप में किया गया। ग्रामवासियों ने पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ माँ दुर्गा की प्रतिमाओं को विदाई दी। हर उम्र के लोग, बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सब इसमें शामिल हुए। जय माता दी के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।

सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन 2025 का शांतिपूर्ण आयोजन, ग्रामवासियों की श्रद्धा और उत्साह के साथ।

ग्राम सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन एकता और भाईचारे की मिसाल है।

इस वर्ष का दुर्गा विसर्जन केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी यादगार रहा।
हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया।
इससे यह संदेश गया कि ग्राम सबादा आज भी प्रेम, भाईचारा और शांति का प्रतीक है।
जहाँ अन्य जगहों पर धार्मिक आयोजनों को लेकर कभी-कभी विवाद की खबरें आती हैं, वहीं ग्राम सबादा ने उदाहरण पेश किया कि आपसी सहयोग से हर पर्व सफल और शांतिपूर्ण हो सकता है।

प्रबंधक डॉ. छत्रपाल साहू जी की बातचीत – सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन पर

हमारी टीम की फोन पर बातचीत गुरुकुल इंटर कॉलेज के प्रबंधक डॉ. छत्रपाल साहू जी से हुई। उन्होंने बताया कि,सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। दोनों समुदायों ने मिलकर अनुशासन और प्रेम का परिचय दिया।उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन और ग्रामवासियों के सहयोग से यह संभव हुआ। हर व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और यही कारण है कि पूरा आयोजन सकुशल संपन्न हो सका।

सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन यात्रा में माँ दुर्गा की प्रतिमाओं का पारंपरिक तरीके से विसर्जन और जयकारों से गूंजता वातावरण।

श्री मंसूर खान जी की राय

हमारी फोन पर बातचीत श्री मंसूर खान जी से भी हुई।
उन्होंने कहा कि,
ग्राम सबादा में विसर्जन सकुशल सम्पन्न हुआ।
दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर इसे शांतिप्रिय माहौल में पूरा किया।

उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में जब लोग धर्म के नाम पर विभाजन देखते हैं,
ग्राम सबादा ने यह साबित किया है कि अगर नीयत साफ हो तो सब धर्म एकजुट होकर पर्व मना सकते हैं।

सरकारी अमले और प्रशासन की सतर्कता

हमारे सहयोगी शफकत खान जी ने बताया कि
पूरे कार्यक्रम के दौरान सरकारी अमला काफी सतर्क रहा।
पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही विसर्जन मार्ग का निरीक्षण कर लिया था।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था के लिए टीमों की तैनाती की गई थी।
उन्होंने बताया कि विसर्जन स्थल पर प्रयागराज से विशेष गोताखोर टीम भी बुलाई गई थी,
जिन्होंने जल सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली।
पुलिस बल, होमगार्ड, और राजस्व टीम पूरे समय मौजूद रहे।
विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
यह सब प्रशासन की चौकसी और ग्राम सबादा के ग्रामीणों की समझदारी का नतीजा था।

ग्राम के युवाओं की सराहनीय भूमिका

विसर्जन यात्रा के दौरान ग्राम सबादा के युवाओं ने भी बड़ी जिम्मेदारी से काम किया।
उन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था संभाली, रास्तों की साफ-सफाई की और श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन दिया।
कई युवा स्वेच्छा से सेवा कार्य में लगे रहे।
महिलाओं ने प्रसाद वितरण और भक्तों के स्वागत में उत्साह दिखाया।
यह सामूहिक प्रयास ग्राम सबादा के समाज की मजबूती और अनुशासन का प्रतीक था।

धार्मिक सौहार्द का संदेश

इस बार का दुर्गा विसर्जन पूरे देश में भी शांतिपूर्ण रहा।
कहीं से कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं आई।
देश के कोने-कोने में दुर्गा पूजा और विसर्जन शांति और भाईचारे के माहौल में सम्पन्न हुआ।
ग्राम सबादा ने भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाया।
यह आयोजन इस बात की मिसाल है कि धर्म हमें जोड़ता है, तोड़ता नहीं।
माँ दुर्गा की विदाई के साथ लोगों ने आपसी प्रेम और एकजुटता का संदेश दिया।

समाज में नई सोच का प्रतीक

ग्राम सबादा का यह आयोजन केवल पूजा-पाठ का हिस्सा नहीं था,
बल्कि एक सामाजिक संदेश था  कि अगर हम सब एकजुट रहें,
तो हर पर्व प्रेम और सद्भाव का प्रतीक बन सकता है।
ग्रामवासियों ने यह साबित किया कि भारत की असली ताकत उसकी एकता और विविधता में है।
यहाँ हर धर्म, हर वर्ग के लोग एक परिवार की तरह साथ रहते हैं।
इस वर्ष का दुर्गा विसर्जन इसका प्रमाण है।

देशभर में शांति का माहौल

देशभर से मिली रिपोर्टों के अनुसार इस बार पूरे देश में दुर्गा विसर्जन शांति पूर्वक सम्पन्न हुआ।
हर राज्य में प्रशासन और जनता के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला।
धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान आपसी समझ और सहयोग की भावना ने
भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को और मज़बूत किया।
यह दर्शाता है कि हमारा समाज आज भी एक-दूसरे के सम्मान और विश्वास पर टिका है।

सबादा से लखनऊ तक दुर्गा विसर्जन 2025 का शांतिपूर्ण आयोजन, ग्रामवासियों की श्रद्धा और उत्साह के साथ।

निष्कर्ष

ग्राम सबादा से लखनऊ तक हुआ दुर्गा विसर्जन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि
एक आदर्श उदाहरण है  कि कैसे आपसी प्रेम, भाईचारे और अनुशासन से
हर बड़ा आयोजन शांतिपूर्वक सम्पन्न हो सकता है।
प्रशासन, ग्रामवासी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय प्रतिनिधियों की एकजुटता ने
इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
माँ दुर्गा की कृपा और ग्रामीणों के सहयोग से ग्राम सबादा ने एक बार फिर यह साबित किया
कि यह गाँव न केवल सुंदर है, बल्कि शांति, सद्भाव और एकता की धरती भी है।

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📍 रिपोर्ट: रियाजुद्दीन जहीर खान
📰 चैनल: UP की आवाज़ (www.upkiawaz.com)
📸 सहयोगी: शफकत खान जी
☎️ विशेष वार्ता: डॉ. छत्रपाल साहू जी, श्री मंसूर खान जी

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