सबादा से लखनऊ तक जुलूस-ए-मोहम्मदी बना भाईचारे का पैगाम
यूपी की आवाज के सूत्रों की रिपोर्टिंग

हमारे चैनल यूपी की आवाज के सूत्रों के अनुसार, इस बार के ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर पूरे उत्तर प्रदेश में जुलूस-ए-मोहम्मदी का जोश और अनुशासन एक साथ देखने को मिला। विशेष रूप से सबादा से लखनऊ तक जुलूस का जिक्र हर जगह रहा। ग्राम सबादा जिला बांदा से निकला जुलूस पूरे क्षेत्र में खासी चर्चा का विषय बना। जुमा की नमाज के बाद से शुरू हुए ये जुलूस कई जगहों पर देर रात तक चले और हर मोड़ पर अमन मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम दिया गया।
सबादा से लखनऊ तक रहुनियां से मदरसा तक स्थानीय बहुलता और रौनक
सबादा जिला बांदा में जुलूस-ए-मोहम्मदी की शुरुआत रहुनियां से हुई। बच्चों के हाथों में झंडे युवाओं की लहराती कतारें और बुजुर्गों की दुआओं के साथ जब जुलूस गांव की गलियों से गुजरा तो हर मोहल्ले ने फूलों और शरबत से उत्साह का इजहार किया। जुलूस का संचालन मौलाना मुईद साहब ने किया और मदरसा दारुल उलूम बरकाते रजा में समापन हुआ।
सबादा के गणमान्य व समाजसेवी हाजी जब्बार खान हाजी हकीम मास्टर हाजी हफीज खान इजाजुद्दीन उर्फ चुन्ना बाबा मेहंदी बाबा पप्पू मास्टर गुलशद खान सलाउद्दीन खान जरार खान नौशाद खान उस्मान खान हसीनुद्दीन बबलू इरफान कम्मू सबने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। हमारे सूत्रों के मुताबिक सबादा में व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वालों में खासतौर पर हल्का प्रभारी प्रदीप कुमार और लोकल पुलिस बल की सक्रियता उल्लेखनीय रही। नायब तहसीलदार प्रशासनिक अधिकारियों का भी आवागमन बना रहा।
बांदा प्रशासन की मुस्तैदी सुरक्षा और अनुशासन का मॉडल
हमारे चैनल के सूत्रों के अनुसार बांदा डीएम श्रीमती जे रिभा और एसपी श्री पलाश बंसल की निगरानी में जिले की पुलिस व प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि सबादा से लखनऊ तक जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकले। एसडीएम पैलानी तहसीलदार पैलानी नायब तहसीलदार पैलानी सीओ सदर बांदा और एसओ श्री सुखराम सिंह सहित स्थानीय अधिकारी लगातार मोर्चे पर रहे। बांदा में कुछ स्थानों पर जुलूस देर रात तक चला और हमारे सूत्रों के अनुसार यह जुलूस शांति के साथ सम्पन्न हुआ।
फतेहपुर ललौली का ऐतिहासिक मार्च
फतेहपुर में खासकर ललौली कस्बे में जुलूस-ए-मोहम्मदी का एक अलग ही आकर्षण दिखा। हमारे सूत्रों की रिपोर्ट के मुताबिक ललौली में करीब एक किलोमीटर लंबा जुलूस निकला जिसमें मोटरसाइकिल कार ट्रैक्टर ट्रॉली और टेंपो की कतारें शामिल रहीं। डीएम और एसपी फतेहपुर के निगरानी एवं निर्देश से ललौली कस्बे में ललौली थाना अध्यक्ष और स्थानीय पुलिस की सक्रियता ने सुनिश्चित किया कि जुलूस रात 8 बजे तक शांतिपूर्वक सम्पन्न हो।
सबादा से लखनऊ तक शहरों में जज्बा
राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगर कानपुर में भी सबादा से लखनऊ तक जुलूस-ए-मोहम्मदी का आयोजन बड़े पैमाने पर हुआ। लखनऊ के डीएम व एसएसपी तथा कानपुर के जिलाधिकारी व एसपी के नेतृत्व में सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंध कड़े बनाए गए। दोनों शहरों में शाम से लेकर देर रात तक महफिलें लगी रहीं नात ए पाक पढ़े गए और नागरिकों ने बड़ी तादाद में हिस्सा लिया।
हमीरपुर महोबा चित्रकूट मंडल स्तर की सक्रियता
मंडल स्तर पर भी प्रशासन सतर्कता के साथ उपस्थित रहा। हमीरपुर के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने चौकसी बढ़ाई और गश्त बढ़ाकर विश्वास दिलाया। महोबा में जिलाधिकारी व एसपी द्वारा लगाए गए विशेष बलों ने बड़े समूहों में भी अनुशासन बनाए रखा। चित्रकूट धाम मंडल में आयुक्त डीआईजी व एसपी की मौजूदगी ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया। सूत्र बताते हैं कि कहीं-कहीं अधिकारी देर रात तक गश्त करते दिखे जिससे आमजन में बड़ा सुकून रहा।
नारे पैगाम और सामुदायिक सहभागिता
सबादा से लखनऊ तक जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान नारे और पैगाम ने माहौल को रूहानी बना दिया। नारे ए तकबीर अल्लाहु अकबर नारा ए रिसालत या रसूल अल्लाह मिलादुन्नबी मुबारक और स्थानीय स्तर पर बार बार गूंजे सरकार की आमद मरहबा। जगह जगह लंगर शरबत की व्यवस्था बच्चों द्वारा फूल बरसाना और घरों से दीपक रोशनी ने इस आयोजन को सामाजिक एकता का प्रतीक बना दिया।
उलेमा ए कराम का संदेश
जुलूस के दौरान उलेमा ए कराम ने बार बार इस बात पर जोर दिया कि ईद ए मिलादुन्नबी का असली मकसद मोहब्बत और इंसानियत का पैगाम फैलाना है। हमारे चैनल के सूत्रों ने उलेमा के शब्द रिकॉर्ड किए ईद ए मिलादुन्नबी हमें मोहब्बत इंसानियत और भाईचारे की तालीम देती है। हमें नबी ए पाक ﷺ की सीरत को अपनी जिंदगी में अपनाना चाहिए।
प्रशासन जनता साझेदारी की मिसाल
पूरे आयोजन की सफलता में प्रशासन और जनता के सहयोग की भूमिका अहम रही। न केवल बांदा और फतेहपुर बल्कि सबादा से लखनऊ तक के सफर में लखनऊ कानपुर हमीरपुर महोबा और चित्रकूट में भी जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक एसडीएम व थानेदारों ने मिलकर व्यवस्थाएं संभालीं। पुलिस की सतर्कता यातायात प्रबंधन आपातकालीन सेवाओं की मौजूदगी और स्थानीय समुदाय की सहभागिता ने सुनिश्चित किया कि जुलूस न केवल भव्य दिखे बल्कि सुरक्षित भी रहे।
यूपी की आवाज फील्ड रिपोर्टिंग
हमारे चैनल यूपी की आवाज के फील्ड सूत्रों ने डेक पर जाकर हर रंग रूप हर भाव और हर सुरक्षा इंतजाम की जानकारी जुटाई। उपस्थिति में स्थानीय गणमान्य समाजसेवी बच्चे नौजवान और बुजुर्ग सभी ने मिलकर यह साबित किया कि धार्मिक आयोजन समाज को जोड़ने का सबसे बड़ा जरिया बन सकता है अगर प्रशासन और जनता साथ मिलकर काम करें।
निष्कर्ष अमन मोहब्बत और भाईचारा
इस वर्ष का जुलूस-ए-मोहम्मदी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एकता और अमन का प्रतीक बनकर उभरा। सबादा से लखनऊ तक जुलूस स्थानीय स्तर पर मिसाल रहा जबकि ललौली फतेहपुर लखनऊ कानपुर हमीरपुर महोबा चित्रकूट आदि स्थानों की भागीदारी ने इसे प्रदेशव्यापी पैमाने पर यादगार बना दिया। प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता और जनता के संयम ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि जुलूसें शांति और दृढ़ अनुशासन के साथ सम्पन्न हों।
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