बदलाव की किरण 5.0 – ग्राम सबादा की सच्चाई

 बदलाव की किरण 5.0 – ग्राम सबादा की सच्चाई

जनता पूछती है – आखिर सच छुपाया क्यों जा रहा है?

ग्राम सबादा में नालियों में कीचड़, अधूरे निर्माण और अधूरे वादे।
विकास के नाम पर करोड़ों की राशि आती रही, लेकिन परिणाम सिर्फ़ कागज़ों तक सीमित रहा।
कहने को तो योजनाएँ बहुत चलीं, पर हकीकत में गाँव का विकास सिर्फ़ कुछ परिवारों के घरों तक सीमित रह गया।
बदलाव की किरण 5.0 का उद्देश्य यही है कि जनता को दिखाया जाए कि आखिर धन कहाँ गया, और क्यों हर बार जवाब गोलमोल दिया गया।

 सच्चाई के योद्धा

भ्रष्टाचार के इस अंधेरे में कुछ नाम रोशनी की तरह उभरे हैं
सफाक्कत खान, जाबिर खान, इसरार खान (पुणे वाले),अबरार खान महेश निषाद आदि व अनेक अन्य ग्रामीण जिन्होंने  वर्षों से तन-मन-धन से भ्रष्टाचार के व सरकारी पैसे के दुरुपयोग की लड़ाई ग्राम सभा की सत्ता पर बैठे बेईमानों से लड़ रहे है।
ये सभी लोग ग्राम सबादा की सच्चाई जनता के सामने लाने के लिए अपने निजी संसाधन, समय और साहस का प्रयोग कर रहे हैं।
इनमें से कई लोग गाँव में रहते हुए विरोध सहते हैं, और कुछ दूर रहकर (जैसे मुंबई या पुणे से) लगातार सपोर्ट कर रहे हैं।
यह केवल राजनीति नहीं – बल्कि जनता के अधिकार की लड़ाई है।

“बदलाव की किरण 5.0” गाँव के उस दृश्य की झलक है जहाँ एक प्रधान केवल शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि अपने गाँव की उम्मीद बनकर बैठा है। उसके सामने बैठी गरीब जनता हाथ जोड़कर अपनी बात रखती है, और उसके चारों ओर खड़े सलाहकार और धनवान लोग इस सामाजिक अंतर की सच्ची तस्वीर दिखाते हैं। यह पहल हमें याद दिलाती है कि असली नेतृत्व वही है जो सुनना जानता है — न कि केवल आदेश देना। आइए मिलकर बनें बदलाव की इस नई किरण का हिस्सा, जहाँ हर आवाज़ की क़द्र हो और हर गाँव में समानता की नई शुरुआत हो।

डर का माहौल और चुप्पी की दीवार

ग्राम सबादा में सत्ता के डर ने लोगों की आवाज़ को दबा रखा है। बदलाव की किरण 5.0 एक नई रोशनी बनकर उभरी है हमारा लक्ष्य है कि
जो भी व्यक्ति सवाल करता है, उसे गाली, धमकी और झूठे मुकदमे व झूठे रेप केस में फंसा देने की धमकी मिलती है।
कुछ ग्रामीण सच जानते हैं, लेकिन  दबंगों के खौफ से सार्वजनिक रूप  से बोल नहीं पाते   क्योंकि सत्ता पर काबिज लोगों की पहुंच बहुत ऊपर तक है प्रधान परिवार का आर्थिक और राजनीतिक दबदबा बहुत गहरा है।
फिर भी, भीतर-ही-भीतर सच की लहर अब जाग चुकी है।

 फर्जी कार्य और दोहरी वसूली

ग्राम सबादा के सरकारी  रिकॉर्ड बताते हैं कि कई आर सी सी (सड़कों) का पैसा दो-दो बार उठाया गया। मानकविहीन कार्य होते है परिणाम अनुसार साल दो सालों में आर सी सी रोड़े खराब हो जाती है विकास के पैसों का दुरुपयोग किया जाता हैं

कहीं निर्माण दिखाया गया, पर ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ।
कई योजनाओं में कार्य पूर्ण दिखा दिया गया, जबकि वहाँ एक ईंट तक नहीं रखी गई।
कुछ ऐसे रास्ते भी हैं जिनका पैसा उठा लिया गया,मनेरगा तहत काम कराया गया उसी रास्ते का दूसरी निधि से बनाया गया यानी एक काम दो दो बार पेमेंट उठाया गया ?
यही नहीं शौचालय योजना, आवास योजना, और मनरेगा के नाम पर भी फर्जी भुगतान की शिकायतें हैं।

बदलाव की किरण: 3.0 showing powerful ways to achieve motivation and success

भूसा घोटाला और पशुचारा : बदलाव की किरण 5.0

सरकार ने गोवंश के लिए भूसा और पशुचारा देने की व्यवस्था की थी।
लेकिन ग्राम सबादा में इसका बड़ा हिस्सा कागज़ों में ही खर्च दिखाया गया।
गांव में कई गायें बिना चारे के रहीं, जबकि फाइलों में लाखों का खर्च दिखाया गया।
जनता पूछ रही है कि आखिर वह पैसा गया कहाँ ?

 वित्तीय पारदर्शिता का अभाव

  • ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर दर्ज आँकड़ों के अनुसार, 2016 से 2025 तक ग्राम सभा सबादा
  • को  विकास निधि के रूप में लगभग  ₹9 करोड़ की राशि विभिन्न योजनाओं में मिली।
  • लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि न सड़कें बनीं, न जल निकासी का समाधान हुआ। व जम कर सरकारी  पैसों का बंदरबाट हुआ विकास के नाम पर विकास कागजों पर हुआ
    सबादा  के सत्ताधारी के पक्ष में काम करने वाले कुछ लोग इन घोटालों को राजनीतिक विरोध कहकर टालते हैं, जबकि सबूत खुद पोर्टल पर मौजूद हैं। इनके कार्यों के जांचो के आदेश महीनों पहले सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा चुके है किन्तु मौके पर सत्ताधारी के दबाव में जांच नहीं हो पा रही है आदेश फाइलों पर धूल फांक रहे है
वर्ष स्वीकृत कार्य आवंटित राशि (₹)
2016–17 29 92,70,000
2017–18 50 49,24,000
2018–19 46 49,47,005
2019–20 54 1,16,87,000
2020–21 83 64,95,641
2021–22 38 1,53,57,399
2022–23 50 1,48,50,244
2023–24 91 60,22,711
2024–25 99 1,04,93,728
2025–26 (चालू) 55 56,00,220

 जनता के सवाल और : बदलाव की किरण 5.0

अब जनता खुद सवाल कर रही है, क्योंकि जवाब अब जरूरी है:

  • क्या ₹3500 महीने पगार पाने वाला व्यक्ति व उसका परिवार कई मकानों का मालिक है गांव से लेकर शहर तक कैसे बना  ?
  • क्या 3500 महीने आमदनी  वाला व्यक्ति व उसका परिवार ट्रैक्टर-ट्रॉली, कई चार पहिया वाहन कहां से खरीद सकता है ?
  • कई  मोटरसाइकिल व  पानी टैंकर इस तरह के अनगिनत प्रश्नों के उत्तर जानना चाहती है ?
  • क्या 3500 महीने आमदनी  वाला व्यक्ति व उसका परिवार सैकड़ों  बीघा जमीन, नवाबों जैसा ठाठ बाट क्या संभव है ?
  • आखिर इन सबकी आय का स्रोत क्या है ?
  •  ऐसा प्रतीत होता है कि गांव के विकास का पैसा खुद के विकास में और निजी संसाधन बनाने में व शाही ठाठ बाट में प्रयोग किया गया है?

 सड़कें और निर्माण कार्यों की हकीकत

कई जगहों पर आर सी सी रोड़े (सड़कें )दो बार बनी दिखाई गईं।

पहली बार निर्माण दिखाया गया, फिर वही काम दोबारा नए प्रस्ताव के नाम पर स्वीकृत कर दिया गया।

कई नालियां शुरू तो हुईं, लेकिन अधूरी छोड़ दी गईं — ताकि पूरा भुगतान फिर  उठाया जा सके।
जनता ने खुद तस्वीरें और वीडियो लेकर प्रमाण जुटाए हैं, जो आने वाले समय में कोर्ट में पेश किए जाएंगे।

 लोगों की आवाज़ और सोशल मीडिया

जब लेखक ने बदलाव की किरण 3.0, और 4.0 प्रकाशित किए, तब सत्ता धारी  के लठेतो  ने फोन कर धमकाना, मां बहन की बुरी बुरी गालियां दीं,गांव में ना रहने देने व जान से मार देने की बार बार धमकी दे रहे है

एक लेखक का काम है सच को लिख कर आवाम तक पहुंचाए और मैं सच लिखने की कोशिश करता रहूंगा

लेकिन सच्चाई की आवाज़ न रुकी, न रुकेगी।
अब जनता समझने लगी है कि सवाल करना गुनाह नहीं, बल्कि अधिकार है।
कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर सपोर्ट दिया, सबादा बोलेगा अभियान शुरू होगा।

 बदलाव की उम्मीद बदलाव की किरण 5.0 के साथ

सच्चे लोग अब एक मंच पर आ रहे हैं।
युवाओं का समूह यह तय कर चुका है कि अगली बार कोई भी व्यक्ति बिना हिसाब दिए सत्ता में नहीं आएगा।
हर योजना का लेखा-जोखा सार्वजनिक किया जाएगा।
और अगर कोई अधिकारी या प्रधान जवाब नहीं देता, तो RTI और कोर्ट तक बात जाएगी।
यही “बदलाव की किरण” का असली उद्देश्य है।

पंचायत की जवाबदेही

ग्राम सबादा के लोगों का अधिकार है कि वे हर कार्य की फाइल, भुगतान की स्थिति और फोटोग्राफ देखें।
सरकारी वेबसाइट पर सारी जानकारी अपलोड होनी चाहिए, लेकिन कई बार ऐसा जानबूझकर नहीं किया जाता।
अब जनता को अपने अधिकार जानने होंगे, तभी यह सिस्टम बदलेगा। 

निष्कर्ष

बदलाव की किरण 5.0 सिर्फ़ रिपोर्ट नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।

यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे ग्रामसभा का है।
अब वक्त आ गया है कि हर नागरिक बोले  हमारे हक़ का पैसा कहाँ गया ?

सच्चाई चाहे जितनी भी कड़वी क्यों न हो, अब सामने आनी ही चाहिए।
यह लेख उन सभी लोगों को समर्पित है जो बिना किसी स्वार्थ के गाँव को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

निरंतर जारी रहेगा – जल्द ही बदलाव की किरण 6.0 आएगा।
यह लड़ाई न रुकने वाली है, क्योंकि अब सबादा बोलेगा!

स्रोत – www.upkiawaz.com | जनहित में जारी

किसी भी व्यक्ति को सवाल जवाब प्रमाण आदि के बारे अधिक जानकारी चाहिए हो तो हमारी वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में कमेंट,सवाल,लिखकर हमारी टीम से जवाब ले  सकते हैं धन्यवाद

💧 स्वच्छ और सुरक्षित पानी का भरोसा अब आसान!

घर पर पानी की शुद्धता के लिए भरोसेमंद वॉटर प्यूरीफायर सर्विस चाहिए?
PureWolt के साथ पाइए तेज़, भरोसेमंद और किफायती सर्विस।


अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

1 thought on “ बदलाव की किरण 5.0 – ग्राम सबादा की सच्चाई”

  1. Pingback: बदलाव की किरण 6.0 – Inspiring Positivity and Growth for a Better Tomorrow

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top