ग्राम सबादा में ग्राम पंचायत घोटाला उजागर : ग्रामीणों की वर्षों की लड़ाई के बाद FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के बाँदा जनपद के पैलानी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले
ग्राम सबादा में पिछले कई वर्षों से चल रहे कथित
विकास कार्यों में भारी घोटाले का मामला अब बड़े रूप में सामने आ चुका है।
ग्रामीणों द्वारा लगातार शिकायत किए जाने के बाद, अंततः
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत
पैलानी थाने में FIR दर्ज की गई है।
इस पूरे मामले ने गांव के साथ-साथ जिला स्तर पर भी सनसनी फैला दी है।

ग्रामीणों की शिकायतों को लंबे समय तक अनसुना किया गया
ग्राम सबादा के ग्रामीण
सफक्कत खान, रियाजुद्दीन जहीर खान, अबरार खान, जाबिर खान, इसरार खान, मंसूर खान
सहित दर्जनों लोगों ने पिछले वर्ष
शपथ पत्र देकर जिलाधिकारी बाँदा को विस्तृत शिकायत सौंपी थी।
ग्राम सबादा में ग्राम पंचायत घोटाला उजागर मामले को लेकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि

- ग्राम प्रधान और पंचायत अधिकारियों ने विकास कार्यों में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की
- एक ही कम को दो दो बार दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया
- बिल–वाउचर फर्जी तरीके से बनाए गए
- सड़क, नाली, खड़ंजा और मरम्मत कार्य सिर्फ कागज़ों में पूरे दिखाए गए
- ग्रामीणों की शिकायतों को पंचायत व विभागीय अधिकारियों ने दबा दिया
ग्रामीणों के अनुसार, जिलाधिकारी को कई बार शिकायतें दी गईं,
लेकिन विभागीय स्तर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अंततः ग्रामीणों ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया,
जिसके पश्चात मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाँदा ने मामले को गंभीर मानते हुए
FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
ग्राम सबादा में ग्राम पंचायत घोटाला उजागर मामले में कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR, कई अधिकारी नामजद
कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद पैलानी थाने में
FIR दर्ज की गई।
इस FIR में निम्नलिखित लोगों को आरोपी बनाया गया है:
- सहरूद्दीन – ग्राम प्रधान
- शिवविधान गुप्ता – तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी
- आनंदमोहन शर्मा – तकनीकी सहायक
इन पर सरकारी धन के दुरुपयोग, फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने, भुगतान में अनियमितता और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
विकास कार्यों में बड़े स्तर पर अनियमितताएँ दस्तावेज़ों में घोटाले के संकेत
ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ों, वाउचरों और बिलों की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
फोकस कीवर्ड: फर्जी वाउचर, भ्रष्टाचार, सरकारी धन का दुरुपयोग, ग्राम पंचायत घोटाला
1. एक ही कार्य को बार–बार दिखाकर भुगतान
जांच में यह पाया गया कि 2021–22, 2022–23 और 2023–24 के दौरान
एक ही सड़क और नाली निर्माण कार्य को अलग–अलग वर्षों में दिखाकर भुगतान लिया गया।
कुछ वाउचरों में रकम 4 लाख से 8 लाख तक दर्ज है, जबकि कार्य स्थल पर
कोई भी निर्माण नहीं मिला।
2. अधूरे कार्यों को कागज़ों में पूरा दिखाया गया
SD की टीम द्वारा 14 फरवरी 2025 को की गई जांच में यह खुलासा हुआ कि—
- कई कार्य स्थल पर मौजूद ही नहीं थे
- कुछ कार्य शुरू होकर अधूरे छोड़ दिए गए थे
- कई जगह कागज़ों में 100% कार्य दिखाया गया था

3. भुगतान की तिथि और निर्माण तिथि में भारी अंतर
कुछ मामलों में बिल और भुगतान
निर्माण शुरू होने से महीनों पहले जारी किए गए,
जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितता साबित होती है।
ग्रामीणों ने बताया भ्रष्टाचार उजागर करने पर मिली धमकियाँ
ग्रामीणों का आरोप है कि जैसे ही उन्होंने घोटाले का खुलासा शुरू किया, ग्राम सबादा में ग्राम पंचायत घोटाला उजागर मामले को सामने लाने पर उन्हें पंचायत से जुड़े लोगों द्वारा शिकायत वापस लेने की धमकियाँ भी दी गईं। हालाँकि इस दावे की अलग से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन FIR में इसे भी शामिल किया गया है।
जांच की जिम्मेदारी SI प्रदीप कुमार को सौंपी गई
FIR दर्ज होने के बाद पैलानी पुलिस ने मामले की विवेचना की ज़िम्मेदारी
उप निरीक्षक (SI) प्रदीप कुमार को सौंप दी है।
उन्होंने सभी संबंधित दस्तावेज़ अपने पास लेकर विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
कानूनी धाराएँ कठोर सज़ा का प्रावधान
मामला जिन धाराओं में दर्ज हुआ है, वे काफी कठोर है
इन धाराओं में दोष सिद्ध होने पर
सख़्त दंड और कारावास का प्रावधान है।
ग्राम सबादा में चर्चा घोटाला लाखों का, शायद करोड़ों का
गाँव में यह चर्चा तेज़ है कि विकास कार्यों में हुए भुगतान और वास्तविक कार्यों के अंतर को जोड़कर देखें तो
घोटाले की राशि लाखों से बढ़कर करोड़ों तक पहुँच सकती है।
ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है।
निष्कर्ष ग्रामीणों की एकजुटता से खुला बड़ा भ्रष्टाचार
ग्राम सबादा में हुए इस कथित घोटाले ने, खासकर ग्राम सबादा में ग्राम पंचायत घोटाला उजागर मामले के सामने आने के बाद, यह दिखा दिया कि अगर ग्रामीण एकजुट होकर आवाज़ उठाएँ तो किसी भी स्तर का भ्रष्टाचार उजागर किया जा सकता है। अब जब FIR दर्ज हो चुकी है और जांच शुरू हो चुकी है, गाँव में उम्मीद है कि
- दोषियों पर कार्रवाई होगी
- फर्जी भुगतान बंद होंगे
- वास्तविक विकास कार्य शुरू किए जाएंगे
गाँव की निगाहें अब प्रशासनिक कार्रवाई और जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।
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